Panditji in Gulshan Ikebana
जो शुभ -अशुभ, पुण्य अथवा पाप जीव करता है उसके उन कर्मो के अनुसार उसे ‘फल‘ की प्राप्ति होती है | कितने लोग कहते है अमुक व्यक्ति कभी पाप नहीं किया फिर भी बेचारा दरिद्री और अभावो में जी रहा है |
शायद उसके भाग्य में दुःख ही लिखे है और अमुक (दूसरा कोई ) दुसरो को सताता है, मारता पीटता है, दुसरो का धन हड़प लेता है, झूठ-ठगी, बेईमानी सब कुछ करता है और ऐश की ज़िन्दगी जी रहा है |
ये सब पिछले जन्मो के कर्मफल है | पूर्व जन्म में जिसने जैसा भी कर्म किया होगा उसका फल उसे इस जन्म में मिल रहा है और इस जन्म के कर्मो का फल अगले जन्म में भोगना होगा |भगवत गीता में ये कहा गया है की कलियुग में जो लोग पर्याप्त बुद्धिमान है, वे भगवान की उनके पार्षदों सहित संकीतर्न-यज्ञ दुआरा पूजा आदि करेंगे ?
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