जानें शनिदेवजी की मूर्ति पर तेल क्यों चढ़ाते हैं – Online Panditji
आनन्द रामायण की कथा के अनुसार जब समुद्र पर अपनी वानरी सेना के सहियोग से श्री राम चन्द्र जी ने सेतु पुल बांध लिया तब उसकी देख भाल के लिए वीर अनुमान को नियुक्त किया कि कोई राछस इसे छती न पहुंचा सके ।
सन्ध्या के समय हनुमान जी अपने प्रभु श्री राम के ध्यान में मग्न थे उसी समय शनिदेव आये और कहने लगे कि सुना है तुम बहुत बलशाली हो । यदि बलशाली हो तो युद्ध करो ।
उस समय हनुमान ने शनिदेव को समझाया की में अपने प्रभु का ध्यान कर रहा हूँ अतः विघ्न मत ढालो किन्तु शनिदेव न माने तब हनुमान जी ने उन्हें अपनी पूँछ में लपेटकर शनिदेव को पत्थर पर पटकना आरम्भ किया । शनिदेव का शरीर लहूलुहान हो गया और वह गिड़गिड़ा कर हनुमान जी से छमा मांगने लगे और बन्धन मुक्त करने की प्राथना करने लगे । तब अनुमान जी बोले – कि पहले मुझे वचन दो की मेरे प्रभु श्री रामजी के भक्तों को कभी कष्ट नही दोगे ।
शनिदेव ने वचन दिया तब हनुमान जी ने उन्हें बन्धन मुक्त किया ।
लहूलुहान हो चुके शनिदेव ने अपने घावों की पीड़ा मिटाने के लिए हनुमान जी से तेल मांगा हनुमान जी ने जो तेल दिया उसे घावों पर लगाते ही शनिदेव की पीड़ा मिट गयी तभी से शनिदेव को तेल चढ़ाया जाने लगा । तेल चढ़ाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं ।
Learn why they offer oil on Shani Devji idol – Online Panditji
According to the legend of Anand Ramayana, when Shri Ram Chandra ji tied the bridge with the help of his vanary army on the sea, he appointed a brave assumption that he could not make it to the roof.
At the time of sunrise, Hanuman was immersed in the meditation of Lord Rama. At that time Shani came and said that you have heard that you are very strong. If you are strong then fight.
At that time, Hanuman explained to Shani that he was meditating on his Lord, so he did not take the obstacle but Shani did not believe, then Hanuman ji wrapped him in his tail and started shaking his life on the stone. Shani’s body was overwhelmed and he started pleading with Hanuman ji and started praying for fasting. Then he said, ‘First of all, promise me never to give up the devotees of my Lord Shri Ramji.
When Shani Dev promised, Hanuman ji released him fast.
Shocked by the shocked Shani, Lord Hanuman ji asked for oil to remove the pain of his wounds, after putting the oil on the wounds, Shani’s suffering was eradicated, and from then on, Shani was offered oil. Saturn is pleased with the oil supply.
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