जानें एकादशी व्रत क्यों रखते हैं लोग इसे रखने से क्या लाभ हैं या शास्त्रकारों विद्वानों ने इसे यूँ ही बना दिया है. – Ekadashi fast
Ekadashi fast
शरीर मे दस इंद्रिया निहित है उन दस इंद्रिया को बस में करने के लिए मन की चंचलता मन की चंचलता का होना परम् आवश्यक हैं मन अत्यंत त्रीव गतिशील ओर चलायमान है
इसकी चंचलता के बड़े बड़े उधारण धार्मिक कथाओ ओर प्रत्यक्ष समाज से आपको मिल जाएंगे.
मन के घोड़ो की गति को इसकी चंचलता को रोकने के लिए शास्त्रकरो ने व्रतों का विधान बनाया व्रत में फलहार कीया जा सकता है किंतु अन्य भक्ष्य वशतु (अन्य आदि का भोजन )करना वर्जित होता है
ऐसा विधान इस लिए बनाया गया जिससे कि मन अगर चटपट भी करे तो भी उसे रोको मन अगर खाने पीने की वस्तुओं से मान जता है तो उसे एकाग्रत की ओर ले जाओ एकादसी तिथि को चंद्रमा क्षितिज की ग्यारहवीं कक्षा में होता है
यह साधना आदि के लिए अनुकूल समय होता है ऐसे समय मे यदि सदना कि जाए तो सदना शिघ्र फलवती होती है अंत एकादशी को व्रत उपवास करने और धर्म अनुष्ठान आदि के लिए एकादशी उत्तम तिथि है
Know why people celebrate Ekadashi fast?
Learn why there is a hundredth fasting, what are the benefits of keeping people from it, or the scholars have made it simply
The ten senses in the body are rooted in order to make those ten organs in the bus to be incomprehensible to the transience of the mind. It is necessary that the mind is very dynamic and moving.
You will find great relevance of its versatility through religious stories and direct society.
In order to prevent the movement of the horses of the minds of the mind, the Shastras can make the law of the Vrat but can be used in the fast but eating other food items (food of others etc.) is forbidden.
Such a statement was made for this, so that if the mind is still intact, then stop it, if the mind accepts it with food, then take it towards the concentration, in the eleventh grade of the moon horizon.
It is a favorable time for meditation etc. At such a time, if the saadna is done then the Harman will be reinforced. Ending Ekadashi is the best date of Ekadashi for fasting and religious rituals etc.